वाराणसी। एंटीबायोटिक ऐसी दवा है जो वैक्ट्रियां इफेंक्शन में दवा वैक्ट्रिया का खत्म करता है। उक्त बातें शहरी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एके पाठक से परफेक्ट मिशन के प्रतिनिधि से बातचीत के दौरान बताया । एंटीबायोटिक दवा का प्रयोग बिना चिकित्सक के सलाह से नहीं करना चााहिए। इसके अलावा उचित समय के अंतराल पर लेना चाहिए। इसके अलावा चिकित्सक से मिलकर जान लें कि किस उम्र में कितना मात्रा में एंटीबायोटिक का प्रयोग करना चाहिए। दवा का खुराक उम्र, वजन तथा बिमारी के हिसाब से चिकित्सक का सलाह ले लिजिए।
जो बिमारी वैक्ट्रिया के चलते होता है उसमें एंटीबायोटिक का उपयोग कारगर होता है। वह भी चिकित्सक के सलाह से लेनी चाहिए। एंटीबायोटिक दवा का साइड इफेक्ट तो होता है कभी -कभी। जैसे भुख न लगना, मिचली आना, घबराहट होना, पतला दस्त का होना आदि। यदि जिस रोग में एंटीबायोटिक दवा की जरूरत नहीं है उसमें दवा लेने पर दुष्प्रभाव होता है। रेजिसटेंट होता जाता है तथा लिवर, गुर्दे पर असर डालता है, पेट में जलन,नसो पर भी असर डालता है इसके अलावा कई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। एंटीबायोटिक दवा की जगह दूसरी नहीं दी जा सकती है और जहां पर एंटीबायोटिक दवा की आवश्यकता है वहां केवल एंटीबायोटिक ही लाभ करती है। दूसरी दवा उस बीमारी को ठीक करने में कोई मदद नहीं करेगी। अत: एंटीबायोटिक दवा की जगह कोई दूसरी दवा नहीं दी जा सकती है।
दवा का खुराक उम्र, वजन तथा बिमारी के हिसाब से चिकित्सक का लें सलाह : डॉ. एके पाठक