आजमगढ़। भारत स्वाभिमान न्यास, पंतजलि किसान सेवा समिति व पतंजलि योग समिति के संयुक्त तत्वावधान में संचालित 25 दिवसीय सह योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर के छठवें दिन सोमवार का शुभारम्भ प्रबन्धक राजेन्द्र यादव द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
शिविर में पूर्वी प्रांत के महामंत्री व भारत स्वाभिमान के जिला प्रभारी अरूण ने बताया कि आज के दौर में निरोग रहना ही सबसे बड़ा धन है जिसका एक मात्र मार्ग योग साधना है। शिविर में आये प्रशिक्षु व साधकों को मोटापा, चर्बी, गैस, कब्ज, सुगर, एसीडीटी, जोड़ो के दर्द आदि रोगानुसार दो घंटे तक दूर दराज से आये लोगों को आसन, प्राणायाम, सूक्ष्म योगाभ्यास कराया गया। इसके बाद खड़े होकर उर्द्ध ताड़ासन, तीर्यक ताड़ासन, अर्द्ध चक्रासन, वृक्षासन, पाद हस्तासन, गरूण आसन, नटराज आसन कराया एवं बैठकर मंडूक आसन, गोमुख आसन, वक्रासन, उष्ट्रासन, चन्द्रासन, शशकासन, अर्द्ध मत्स्येन्द्रासन, जानुशिरासन कराया गया। वहीं पेट के बल हेतु मकरासन, भुजंगासन, सल्भासन, धनुरासन विपरित नौकासन, बालासन कराया गया। पीठ के बल हेतु मरकटासन, पवन मुक्तासन, अर्द्ध हलासन, सेतुबंध/कंधरासन, पादवृत्तासन, द्विचक्रीकासन, सर्वांगासन, श्वासन, व्यायाम, सूर्य नमस्कार, ध्यान और प्राणायाम का विस्तृत अभ्यास कराया गया। योगा के क्रियात्मक अभ्यास में फेफडे़, हृदय, सर्वाइकल और स्पोण्डलाइटिस के समस्याओं के समाधान हेतु विशेष सूक्ष्म व्यायामों आसनों का अभ्यास कराया गया। यह प्रशिक्षण शिविर पतंजलि योग पीठ हरिद्वार के दिशा-निर्देशन में भारत सरकार द्वारा प्रदत्त योग शिक्षक प्रमाण पत्र हेतु किया जा रहा है।
निरोगी काया है सबसे बड़ा धन : अरूण