सोनभद्र। बच्चो को दूध कम दिये जाने का मामला प्रकाश में आते ही गुरूवार को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डा.गोरखनाथ पटेल ने सलईबनवा स्थित प्राथमिक विधालय पर पहुंच कर मामले कि जांच पडताल की।कोटा ग्राम पंचायत के प्राथमिक विधालय सलईबनवा में हर बुधवार को मिनू के अनुसार दूध दिया जाता है।विधालय पर मौजूद रसोईया फूलेसरी देवी ने बताया कि एक डब्डा दूध था और दूध लेने के लिए अध्यापक शैलेश कुमार डाला बाजार गये थे ।उस समय चूल्हे पर सब्जी पक रहा था तभी विधालय के दूसरे अध्यापक ने सब्जी उतरवाकर एक बर्तन में डिब्बा का दूध डलवाकर उसमें एक बाल्टी पानी डलवा दिये और गर्म करने लगे।जब कि अध्यापक से कहा गया कि दूध लेने के लिए शैलेश अध्यापक बाजार गये है।
रसोई कि बात को अनसूना कर उस दूध को बच्चो में पीने के लिए वितरित कर दिया गया।थोडी देर में विधालय के अतरिक्त प्रभारी अध्यापक छ:डब्डा दूध लेकर आ गये और वह दूध भी गर्म कर बच्चो को थोडी देर बाद पिला दिया गया।खण्ड शिक्षाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि पहाडी क्षेत्र कि गाय या भैस कि दूध पुरा उबलब्ध नहीं हो पाता है।इस लिए हिमोनाईज्ड दूध टेट्रा पैक दुकानो से खरीद कर लाया जाता है।उस पैक वाले एक लीटर दूध में अमूमन एक लीटर पानी मिलाकर ही दूध बच्चो को दिया जाता है। प्राथमिक विधालय के प्रत्येक बच्चो को एक गिलास अर्थात डेढ एमएल दूध दिया जाता है।पैक वाला ये दूध छ:महीनो तक टिका रहता है जो खराब नहीं होता । एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी डालवाकर बच्चो को पिलाने वाले शिक्षामित्र अध्यापक को लापर्वाही बरतने पर उसे उसके मूल विधालय पर भेज दिया गया ।मामले कि जांच पडताल करने पहुंचे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डा.गोरखनाथ पटेल ने कहा कि पुरे मामले कि जांच किया जा रहा है।मामले में जो भी दोषी पाया जायेगा । उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।