भंडारे के साथ श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ का हुआ समापन


सोनभद्र। घोरावल नगर के शिव मंदिर धर्मशाला में चल रहा श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ का समापन मंगलवार को भंडारे के साथ सम्पन्न हो गया।नौ दिनों तक चले इस महायज्ञ में वृंदावन से आए श्रीमद्भागवत कथा के मर्मज्ञ श्रीब्रजरज़दासजी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन व विश्लेषण किया। इसके पूर्व श्रीमद्भागवत कथा के आखिरी दिन सोमवार रात्रि व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए श्रीब्रजरज़दासजी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में ज्ञानयोग, भक्तियोग और कर्मयोग का अद्भुत समन्वय है।भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन चरित्र और लोक व्यवहार द्वारा मानवता को संदेश दिया है कि मनुष्य को सदैव धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।धर्म का पक्ष लेकर योगेश्वर श्रीकृष्ण ने निहत्थे रहकर भी पांडवों को जीत दिलाई। श्रीकृष्ण के जीवन की प्रत्येक लीला में मानवता के लिए प्रेम, त्याग, करुणा, कर्तव्य, परोपकार का संदेश छिपा हुआ है।आगे उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण स्वयं परमब्रह्म परमेश्वर है। जब जब धरती पर पाप बढ़ता है और धर्म खतरे में पड़ता है, तब तब भगवान स्वयं अवतार धारण कर धरती पर आते हैं और अधर्म का विनाश कर धर्म की स्थापना करते हैं।


        कथा के दौरान गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ..श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण.. इत्यादि भजनों के दौरान श्रोताओं ने भगवद्भक्ति का रसपान करते हुए जमकर नृत्य किया।रात्रि ग्यारह बजे तक चले श्रीमद्भागवत कथा का समापन भगवान जगद्जननी माता राधारानी और जगदीश्वर श्रीकृष्ण की आरती और प्रसाद वितरण के साथ किया गया।इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश कुमार, राकेश कुमार, अशोक अग्रहरि, रमेश पांडे, प्रकाशचंद्र अग्रहरि, नंदलाल ऊमर, द्वारिका खेमका,नंदलाल अग्रहरि, अमरसिंह जायसवाल, राजेश अग्रहरि, उदितलाल अग्रहरि, ओंकार नाथ, संतोष कुमार पप्पू समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।