भदोही। जनपद में चल रहे फर्जी स्कूलों ने नाक में दम कर रखा है। ऊपर से पढ़ाई के नाम पर निजी विद्यालयों के शिक्षकों ने गाँव व कस्बे में बच्चों को ट्यूशन के नाम पर स्कूलों के अंदर बच्चों पर दवाब बनाकर अपने खोले हुए कोचिग सेंटरों पर भेजकर बच्चों को कोचिग देने के नाम पर ठगा जा रहा है। ज्ञानपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में गैर मान्यता प्राप्त फर्जी तरीके से चल रहे कई शिक्षा माफिया किस्म के लोग स्कूल खोलकर चाँदी काट रहे हैं। अगर देखा जाए तो क्षेत्र में चल रहे स्कूलों में अच्छी पढ़ाई व लिखाई के नाम पर बच्चों के अभिभावकों से मोटी फीस वसूली जा रही है। जब इन स्कूलों के अंदर पढ़ाई लिखाई ठीक है तो इन बच्चों को ट्यूशन का सहारा क्यों लेना पड़ रहा है।अवैध तरीके से चल रहे बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर खुलेआम लूटा जा रहा है, लेकिन प्रशासन व शिक्षा विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। ट्यूशन के नाम पर बच्चों से तीन सौ से पांच सौ रुपए प्रति महीना प्रति छात्र-छात्राओं से जबरन वसूल रहे हैं। क्षेत्र में अवैध तरीके से या यूँ कह लो कि शिक्षा विभाग कि मिली भगत से यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
आपको बतादें कि बीते 12जनवरी को हुए वैन दुर्घटना के बाद प्रशासनिक अमला कुछ हरकत में आया और जांच पड़ताल की तो ऐसे बहुत से फर्जी विद्यालय मिले जो बिना मान्यता के संचालित किए जा रहे थे। प्रशासन के सख्ती के बाद वे बन्द हो गये वैन हादसा जितना पुराना होता गया जांच-पड़ताल को पुन: ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और शिक्षा माफिया फिर से फूलने-फलने लगे। हद तो तब हो जाती है जब इतने सख्ती के बाद भी कुछ न कुछ अवैध रूप से संचालित हो रहे स्कूल उच्चस्तरीय जांच में मिल जाते है। तब यह प्रश्न उठता कि उच्चस्तरीय जांच में जो फर्जी विद्यालय मिलते है वे क्या जनपद स्तर पर अधिकारियों से मिले होते है जो इनके खिलाफ कार्रवाई नही की जाती। इससे एक बात और भी जाहिर होती है कि शिक्षा माफिया जनपद स्तरीय जांच करने वालों की जेब गर्म कर देते है जिससे रिपोर्ट में सब कुछ ओके कर दिया जाता है। जनपद में कुछ विद्यालय संचालक ऐसे है जो या तो कक्षा पांच या कक्षा आठ तक कि मान्यता लिये हुये है और अटैच होकर दूसरे के विद्यालय से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कक्षाएं चलाते है। नया सत्र आते ही क्षेत्र में बरसाती मेढक की तरह बिना मान्यता प्राप्त के स्कूलों की भरमार होने लगती है।
इस मंदी के दौर में गरीब एवं मिडिल क्लास के लोग इस मार को झेल रहे अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत व मजदूरी कर अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने के बाद भी उनको ट्यूशन की कमी खल रही है। जिसमें अभिभावक मजबूरी में आकर अपने बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ा रहा है। उधर, शिक्षा विभाग अपनी अवैध कमाई के चक्कर में इस ओर तनिक भी ध्यान ना देकर बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों एवं ट्यूशन का कारोबार बिना रूके चल रहा है। ज्ञानपुर, भदोही,सुरियावां आदि क्षेत्रों में लगभग एक दर्जन पब्लिक स्कूल खोलकर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कक्षाएं संचालित कर सरकार को चूना लगा रहे हैं।हालांकि ज्यादातर स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। इन लोगो के द्वारा बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है। शिक्षा विभाग आंखें मूंदे बैठा है।