आजमगढ़। कार्तिक पूर्णिमा मेला के दूसरे दिन भी हजारों लोगों ने तमसा-मंजूसा के संगम में स्नान किया। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव व ऋषि दुर्वासा के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। हालांकि भीड़ मंगलवार की तरह नहीं रही लेकिन मेले का आकर्षण अभी लोगों को ऋषि दुर्वासा की तपोस्थली की ओर लोगों को खींच ला रहा है। शहर समेत ग्रामीण अंचल से आई महिलाओं व बच्चों ने मेले में अपनी पसंदीदा वस्तुओं को खरीदा। बच्चों ने झूला, खाद्य व पेय पदार्थ का लुत्फ उठाया। यह मेला अपने इतिहास के कारण प्रसिद्ध है, यहां ऋषि दुर्वासा ने वर्षों तपस्या की थी। इसे ऋषियों की भूमि मानी जाती है। इस मेले में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं। दुर्वासा धाम पर लगने वाले इस मेले में टेकुरी, सुज्जा, सुई, लकड़ी के बने ओखली व कुल्हाड़ी सहित अन्य सामान की बिक्री जमकर होती है। मेले के दूसरे दिन बुधवार को जगह-जगह दुकानें लगी हुईं थीं। महिलाओं के साथ ही बच्चों ने भी मेले में जमकर खरीदारी की। महिलाओं ने चूड़ी, बिदी, सिदूर सहित सौंदर्य प्रसाधन के सामान खरीदे। वहीं बच्चों ने जलेबी, चाट-समोसा आदि का लुत्फ उठाया। मेले में फलों के साथ ही सब्जी, आंवला, अमरूद और गन्ने की भी जमकर खरीदारी हुई। वहीं पुलिस बल भी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए दिन भर चक्रमण करता रहा।
कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं ने किया स्नान