आजमगढ़। कार्तिक मास की पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को जनपद के प्रमुख तीर्थ स्थलों के साथ ही पतितपावन गंगा स्वरुपा तमसा नदी के तटों सहित पौराणिक सरोवरों पर मानो जैसे श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा हो। इस पवित्र तिथि पर श्रद्धालुओं की भीड़ ने पावन जल में गोता लगाकर पुण्य लाभ कमाया। प्रमुख स्थान जैसे दुर्वासा धाम, दत्तात्रेय धाम, भैरो धाम, अवंतिकापुरी एवं चंद्रमा ऋषि आश्रम पर लगे मेले का श्रद्धालुओं ने आनंद उठाया। फूलपुर तहसील क्षेत्र के दुर्वासा धाम स्थित तमसा-मंजूषा के संगम पर स्नान कर पुण्य लाभ कमाने की लालसा में श्रद्धालुओं की भीड़ ने गुरूवार की रात ही डेरा डाल दिया था। ऐसी मान्यता है कि तमसा-मंजूषा के संगम पर स्नान करने से गंगा सागर स्नान के बराबर पुण्य लाभ मिलता है। संगम स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने ऋषि दुर्वासा का दर्शन किया और सुख-शान्ति की कामना की। कई लोगों ने पूड़ी-मालपुआ आदि का भोग महर्षि दुर्वासा को लगाया। इसी तरह निजामाबाद क्षेत्र स्थित दत्तात्रेय धाम पर तमसा-कुंवर नदियों के संगम पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद राम-जानकी मन्दिर व ऋषि की प्रतिमा के समक्ष शीश झुकाया। इसके बाद मेले में लोगों ने अपनी जरूरतों के सामान खरीदे।
इसी क्रम में रानी की सराय क्षेत्र के अवंतिकापुरी (आवंक) स्थित चैरासी बीघे के सरोवर में सुबह होने से पहले ही श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाना शुरू कर दिया था। उसके बाद अस्थाई रूप से लगी दुकानों पर अपनी जरूरतों के सामान खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई थी। मेंहनगर क्षेत्र के गौरा गांव स्थित शिव मन्दिर पर आयोजित मेले में पहुंचे श्रद्धालुओं ने शिव सरोवर में स्नान किया। मान्यता है कि यहां स्नान करने से चर्म रोगों से निजात मिल जाता है। इसी तरह सगड़ी तहसील क्षेत्र के नैनीजोर में सरयू नदी तट पर भी भव्य स्नान मेले का आयोजन किया गया। महराजगंज क्षेत्र में स्थित भैरो धाम पर कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान मेला लगा। वैसे तो यहां हर पूर्णिमा पर स्नान मेला लगता है लेकिन कार्तिक पूर्णिमा का स्नान मेले का महत्व कुल अलग होता है। यहां सरोवर में स्नान के बाद मनोकामना की पूर्ति के लिए श्रद्धालुओं ने भैरो बाबा को विशेष प्रिय काली मिर्च की पुडिय़ा और बताशा चढ़ाकर मन्नत मांगी।