परोपकार से हर मनोकामना की होती है पुर्ति: दुखिया राम महाराज


मीरजापुर। मंगलवार को महुअरिया स्थित बी0एल0जे0 प्रांगण के श्रीलक्ष्मी नरायण महायज्ञ की सभास्थल पर श्री श्री 1008 श्री दुखियाराम महाराज नें पत्रकार वृंदगण को प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि हमारे गुरूदेव का आदेश है कि जीवन में परोपकार करने की भावना रखकर निष्पक्ष भाव से परोपकार करने का प्रचार प्रसार कीजिए जिससे मानव का कल्याण हो और लोगों के अन्दर परोपकार करने प्रवृत्ति जागृत हो। परोपकार ऐसा मंत्र है जिसके द्वारा हम समाज के हर व्यक्ति में मान सम्मान प्राप्त करते हुए लोक कल्याण स्थापित कर सकते है। उन्होंने कहा कि परोपकार से हर व्यक्ति के अन्दर आगे बढऩे की क्षमता का विकास होता है और समाज के बिखरे हुए लोगों को एक सुत्र में बांधने की युक्ति है।


       श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ आयोजन समीति के कार्यक्रम संयोजक मनोज श्रीवास्तव नें प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ अनेक दृष्टिकोंण से ऐतिहासिक सिद्ध हुआ है। यज्ञ की पुर्णाहुती के दिन ही उच्चतम न्यायालय नें भी सैकडो़ वर्षों से विवादित अयोध्या के रामजन्म भूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण के समस्त बाधाओं को दुर कर दिया और निर्देश दिया कि तीन महीने के अन्दर सरकार ट्रस्ट का निर्माण करते हुए राममंदिर को पूर्ण कराये। वहीं महायज्ञ में अनवरत श्रद्धालुओं की भीड़ यज्ञ कुंड की दिनों रात परिक्रमा कर चारों प्रकार के फल को प्राप्त किया और महायज्ञ की गरीमा को भव्य बनाया जिस तरह महायज्ञ को जनता नें हाथों हाथ लेकर सहायोग किया उसके लिए आयोजन समीति आभार व्यक्त करती है।इस महायज्ञ की परिकल्पना परमश्रद्धेय श्री श्री 1008 श्री दुखियाराम महाराज नें की थी इन्हीं की प्ररणा व आर्शिवाद से यह फलित भी हुआ, जो अद्भुद, अविश्मरणिय और अकल्पनिय है ।


       यह अनुष्ठान मीरजापुर के जनमानस का, जनमानस के द्वारा, जनमानस के लिए था। प्रमुख यज्ञाचार्य अनुज पांण्डेय के नेतृत्व में 65 वैदिक ब्राहमणेंा द्वारा श्रीसुक्त अैार पुरूषसुक्त से अभिमंत्रित 6 लाख 62 हजार आहुतियाँ समर्पित की गई। जिसमें लगभग 70 कुंतल हवन सामग्री,280 कुंतल आम की लकडी़ और 32 टीन घी का उपयोग किया गया था। प्रसिद्ध कथा वाचक दीलिप कृष्ण भारद्वाज के द्वारा संगीतमय श्रीराम कथा का भी श्रद्धालुओं को रसोपान कराया गया। तथा वृंदावन के कलाकारों के द्वारा दर्शकों के बीच में मनोहारी रासलीला किया गया। ऐतिहासिक भंडारे में प्रसाद के लिए जुटी श्रद्धालुओं के भीड़ नें प्रसाद ग्रहण कर आशिर्वाद प्राप्त किया। महायज्ञ के प्रचार प्रसार के लिए 150 कार्यकर्ताओं की टोली कडी़ मेंहनत करके अनुष्ठान केा सफल बनाने में अनवरत जुटी रही। उन्होंने कहा कि समस्त प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, नगर पालिका कर्मचारी का भी सहयोग महायज्ञ के लिए रहा।


       इस दौरान सह संयोजक राजेश चैरसिया अनिल बरनवाल,आलोग अग्रवाल, ओपी गुप्ता,रामप्रकाश दुबे, राजेन्द्र तिवारी, नीतिन अवस्थी,महेश तिवारी, मनोज दमकल,रविशंकर शाहु, मीडिया प्रभारी संजोष सिंह, रामकुमार तिवारी, हरिराम अग्रवाल, अजय दुबे अतुल सिन्हा, विशाल गुप्ता, विजय शाहु, सुशील दुबे, महेंन्द्र जैसवाल, पुष्पराज दुबे, किसन चैरसिया,अंकुर श्रीवास्तव, लाखा केसरवानी, हिमांसु चैरसिया, आदि लोग उपस्थित रहे।