संविधान दिवस पर अबाजका ने डा0 अम्बेडकर को किया याद



वाराणसी। संविधान दिवस पर अखिल भारतीय अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के तत्वावधान मे रविवार को वरूणाबृज स्थित शास्त्री घाट पर बाबा साहेब डा0 भीम राव अम्बेडकर की स्मृति मे रविवार को एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अन्य प्रदेशो से हजारो की संख्या मे श्रद्धालुओ ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप मे अबाजका के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा साहेब पी. साहेब भोसले जी उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन मे कहा कि 25 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर ने संविधान सभा को सौंपने के अवसर पर एक एतिहासिक भाषण दिया था “ भारतीय लोक तंत्र की रक्षा के लिए भारतीयो को सावधान रहना चाहिए वह यह कि वे राजनैतिक लोक तंत्र से सन्तुष्ट नही रहे।


      उन्हे राजनैतिक लोकतंत्र का सामाजिक और आर्थिक रूपान्तरण करना चाहिए। मंचासीन कार्यक्रम के उछ्घाटक श्रद्धेय एम.एस. बहल ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना जो संविधान की मूल भावना को दर्शाती है।राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्य वक्ता बुद्धमित्र मुसाफिर ने कहा कि बाबा साहब की अन्तिम इच्छा भारत को बौद्धमय बनाना था बाबा साहेब ने हमको सन्देश दिया है कि हम लोग अच्छे बौद्ध बने अर्थात हमलोग स्वयं बौद्ध बनकर घर मे न बैठ जायं बल्कि मानव कल्याण के लिए तन मन धन से बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार भी करें।कार्यक्रम की अध्यक्षता लालचन्द बौद्ध ने तथा संचालन राष्ट्रीय उप महासचिव निलम निगम ने किया इस कार्यक्रम मे कुल 35 जनपदो के श्रद्धालुओ ने हिस्सा लिया।इस कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से डा0 प्रमोद कुमार गौतम, सत्यप्रकाश बौद्ध, आर.पी.राम, राकेश बौद्ध, अशोक प्रबुद्ध, अनिल कुमार बौद्ध, उषा शास्त्री, गोपाल प्रबुद्ध, भन्ते डा0 मेघांकर, भन्ते गुरूधम्मो, गौतम गायकवाड़, आदि शामिल रहे।