आजमगढ़। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने कहा है कि विकास कार्यक्रम निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है तथा यह सीधे तौर पर आमजन से जुड़ा होता है। उन्होने यह भी कहा शासन द्वारा संचालित लाभपरक योजनायें किसी क्षेत्र तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इससे समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाना हम सबका कर्तव्य है, इसलिए इसके प्रति लापरवाही, शिथिलता एवं उदासीनता बरता जाना कत्तई क्षम्य नहीं है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी बुधवार को अपने कार्यालय के सभागार में शासन द्वारा निर्धारित विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों, कर करेत्तर एवं अन्य राजस्व कार्यों तथा कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रही थीं। समीक्षा के दौरान उन्होंने कार्यों में शिथिलता पाये जाने पर जहॉं तीनों जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को चेतावनी निर्गत करने का निर्देश दिया, वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय बलिया में कार्यरत एक लिपिक को निलम्बित करने हेतु भी निर्देशित किया। इसके अलावा पंचायती राज विभाग के कार्यों में प्रगति अत्यन्त कम पाये जाने पर तीनों जनपद के डीपीआरओ पर भी काफी नाराजगी व्यक्त किया।
मण्डलायुक्त ने वर्तमान सत्र में शुरू हो चुकी धान खरीद को भी निर्बाध एवं पारदर्शिता के साथ करने का निर्देश देते हुए आगाह किया कि इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राईस मिलों के सम्बद्धीकरण में पूरी सजगता बरती जाये तथा बिना हैसियत प्रमाण पत्र के मिलरों से अनुबन्ध नहीं होना चाहिए। उन्होंने उन्होंने सारे अनुबन्ध को एक सप्ताह के अन्दर अनिवार्य रूप पूरा कर लेने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया। इसी क्रम में अवगत कराया गया कि जनपद आज़मगढ़ एवं मऊ में गेहॅूं के बीज तो आ गये हैं परन्तु बलिया में पीसीएफ की लापरवाही के कारण अभी तक बीज नहीं आये। इस पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबन्धक को बीज की उपलब्धता सुनिश्चत कराने हेतु तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान पाया कि तीनों जनपदों में जननी सुरक्षा योजना के तहत गत वर्ष के लाभार्थियों का भुगतान अभी भी लम्बित है, जबकि पूर्व में ही लाभार्थियों का विवरण पेपर में प्रकाशित कराये जाने हेतु निर्देश दिया गया था।