योगी जी की तानाशाह पुलिस, संपादक के साथ किया दुर्व्यवहार


क्या योगी सरकार में लगातार पत्रकारों पर हो रहे अत्याचार पर लगाम लगाने वाले सारे फरमान बस फाइलों में हो कर रह गया है दफन?



वाराणसी। रविवार मध्य रात्रि में पुलिस के तानाशाही से फिर शिकार हुआ लोकतंत्र का चौथे स्तंभ। अब इस योगी सरकार में लगातार पत्रकारों पर हो रहे अत्याचार पर लगाम लगाने वाला सभी फरमान बस फाइलों में दफन हो कर रह गया है। परफेक्ट मिशन हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के संपादक मनीष दीक्षित जिनको शिवपुर थानान्तर्गत चांदमारी चौकी के आधा दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी रात्रि के 11 बजे जिसमें से नशे में धुत एक पुलिसकर्मी मनीष सिंह ने सारी हदों को पार करते हुए कुछ भी कर गुजरने तक की धमकी तक दे दी। 
       बिना सर्च वारंट के आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस कर्मी घर में जबरन घुस कर तांडव करने लगे और जब संपादक ने पुछा की क्या मामला है आप हमको बताईये हम दैनिक पेपर के संपादक है आपकी मदद करेंगे। यह बताने के बाद नशे में धुत चांदमारी चौकी का पुलिसकर्मी मनीष सिंह ने दुव्र्यवहार किया और जबरन बिना मामला बताये उठा लिया। जब संपादक ने एसएसपी वाराणसी से फोन से वार्ता की और अपने साथ हुए दुव्र्यवहार की जानकारी दी तब शिवपुर थाने ले जाया गया। 
      उसके बाद जब पुन: संपादक ने एसएसपी वाराणसी से फोन पर बात की और उस पुलिसकर्मी के मेडिकल के लिए मांग की तो वह पुलिसकर्मी वहां से रफू चक्कर हो गया। यह वाकया तब घटित हूआ जब डीजीपी कानून व्यवस्था ने अभी दो दिन पहले ही पत्रकारों से शालीनता से व्यवहार करने और उनके परिजनों को उनके खिलाफ अगर कोई शिकायत है तो किसी राजपत्रित अधिकारी के जांचोपरांत कार्यवाही करने का आदेश प्रदेश के सभी एसपी और एसएसपी को सर्कुलर जारी कर पत्र के माध्यम से अभी विगत 15 नवम्बर को ही दिया है। थाने पर उपस्थित सीओ कैंट से जब वहां उपस्थित पत्रकारों ने इस संबंध में वार्ता की तो वह भी तेवर में ही नजर आये और कहा कि जब तक हम क्षेत्राधिकारी हैं तब तक आप लोग होश में रहिये और गाडी में बैठकर निकल गये। पुलिस प्रशासन के इस उपेक्षात्मक रवैये से पत्रकारों में रोष व्याप्त है। इस सरकार में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी खतरे में पड़ गया है जब उसके साथ ऐसा है जो जनता की आवाज है तो अब भगवान ही मालिक है आगे क्या होगा।